असर्फी कैंसर संस्थान में कैंसर की पहचान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित, स्वास्थ्य सहायिकाओं ने लिया भागसमय पर जांच और इलाज कैंसर से बचने के उपाय

असर्फी कैंसर संस्थान में कैंसर की पहचान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित, स्वास्थ्य सहायिकाओं ने लिया भाग
समय पर जांच और इलाज कैंसर से बचने के उपाय
असर्फी चैरिटेबल ट्रस्ट और असर्फी कैंसर संस्थान, धनबाद के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को असर्फी कैंसर सस्थान सभागार में एक दिवसीय “प्रारंभिक स्तर में कैंसर की पहचान एवं समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र (सीबीएसी)” विषय पर एक दिवसीय निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में 150 से ज्यादा स्वास्थ्य सहायिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असर्फी कैंसर संस्थान के रेडिएशन ऑन्कोलोजिस्ट डॉ. विप्लव मिश्र ( MBBS, DNB- Radiotherapy, Consultant Radiation Oncologist) ने बताया कि ग्रामीण इलाके में कैंसर के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में स्वास्थ्य सहायिकाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य सहायिकाएं कैंसर को लेकर अच्छी तरह प्रशिक्षित हों। उन्होंने कैंसर के कारण, इसके अलग-अलग स्टेज, जांच और उपचार के बारे में सविस्तार बताया।
उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के कैंसर की शुरुआती अवस्था में पता चले तो इससे बचा जा सकता है। इसके लिए समय पर जांच और उपचार कराना जरूरी है। कभी-कभी शरीर में होने वाले सामान्य घाव जांच कराने पर कैंसर साबित होता है। पेट में गैस, पैशाब में बदलाव, मूत्र में रक्तस्राव, शरीर में गांठ आना, भोजन निगलने में परेशानी और बदहजमी, आवाज का बैठना, वजन का अचानक घटना, महिलाओं के स्तन में गांठ, मुंह में लंबे समय से छाले, मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन दिखे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कैंसर है या नहीं इसकी जांच बायोप्सी से की जाती है। बायोप्सी से डरना नहीं चाहिए। इसे कराने से कैंसर नहीं फैलता। ग्रामीण इलाके में बायोप्सी कराने के बारे में जागरूकता फैलाया जाना जरूरी है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के आंकड़े के मुताबिक हर साल देश में 12 लाख लोग कैंसर से ग्रसित होते हैं, जिसमें 8 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसका वजह यह है कि समय पर जांच नहीं कराकर अंतिम स्टेज में डॉक्टर के पास पहुंचना। शुरुआत में ही जांच और उपचार शुरू हो जाए तो कैंसर से बचा जा सकता है। शुरुआत में इलाज कराने में खर्च भी कम आती है। वहीं अंतिम स्टेज में जांच और इलाज कराने पर खर्च भी अधिक होता है। शुरुआती अवस्था में जिस कैंसर की सर्जरी से ठीक होने की संभावना रहती है। उसी कैंसर का अंतिम चरण में पता चलने पर इलाज करने के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन की जरूरत पड़ सकती है।
उन्होंने बताया कि भारत में महिलाओं को सबसे ज्यादा स्तन और गर्भाशय का कैंसर होता है। स्तन कैंसर का पता मैमोग्राफी जांच और गर्भाशय कैंसर का पता पैप स्मीयर टेस्ट से चलता है। स्तन कैंसर से बचने के लिए 40-45 वर्ष से ऊपर की हर महिलाओं को मैमोग्राफी जांच कराना चाहिए। वहीं गर्भाशय कैंसर से बचने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए।
असर्फी कैंसर संस्थान के बारे में उन्होंने बताया कि यहां अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप कैंसर मरीजों की जांच और इलाज किया जाता है। कैंसर का तीन तरीके से इलाज किया जाता है, जिसमें सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी शामिल है। यहां तीनों तरीके से इलाज और जांच की सुविधा उपलब्ध है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में असर्फी कैंसर संस्थान की डॉ. प्रियंका (जेनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर) और जेनरल फिजिसियन डॉ. जफर ने भी कैंसर की जांच, बचाव और उपचार के बारे में जानकारियां दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के बारे में भी जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंत में असर्फी कैंसर संस्थान के निदेशक गोपाल सिंह ने कहा कि कैंसर के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाया जाना चाहिए, जो शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा। स्वास्थ्य सहायिकाएं इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। मौके पर संस्थान के कॉरपोरेट हेड संतोष सिंह समेत सूरज मिश्र और अन्य कर्मी उपस्थित थे।
बता दें कि असर्फी कैंसर संस्थान लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर समर्पित है। धनबाद समेत आसपास के इलाके में यह पहला संस्थान है जहां मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, पेट का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेन कैंसर, लंग कैंसर, बोन कैंसर इत्यादि के इलाज़ के लिए रेडियोथेरेपी, केमोथेरपी अथवा टारगेट थेरेपी और सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध हैं। 150 बेड के इस संस्थान में एक ही छत के नीचे नैदानिक और उपचार की सुवधाएं जैसे मेडिकल ऑन्कोलोजी, सर्जिकल ऑन्कोलोजी और रेडिएशन ऑन्कोलोजी के अलग-अलग विशेषज्ञ डॉक्टर हमेशा मौजूद रहते हैं। संस्थान में अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीन, महिलाओं के स्तन कैंसर की जांच के लिए मैमोग्राफी मशीन, पीईटी सीटी स्कैन, कीमो वार्ड, मॉड्यूलर ओटी, पैथोलॉजी और नियमित डायग्नोस करने की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा इस संस्थान में रेडिएशन चिकित्सा के लिए अति उन्नत वेरियन ट्रू बीम लिनैक रेडियोथेरेपी मशीन समेत अन्य तरह की अति आधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं, जो कैंसर के उपचार में प्रभावी है।

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